15 जनवरी 1947 को अमेरिका के लॉस एन्जलेस मे सुबह 10 बजे के करीब बेट्टी बरसिंगर (Betty Bersinger ) नाम की एक महिला अपनी 3 साल की बेटी के साथ जूते मरम्मत की दुकान पर जा रही थीं।
जब वह liemert park के पास से गुजरी। तो फुटपाथ से कुछ दुरी पर उन्हें एक सफेद रंग की अजीब सी चीज दिखाई दी। जब थोड़ा पास जाकर देखा तो
पहली नजर मे वह चीज उन्हें किसी पुतले के सामान लगी लेकिन जब वह थोड़ा और ध्यान से देखती हैं। तो उनके होश उड़ गए।
दरअसल वह जो चीज देख रही थीं। वह कोई पुतला नही था। बल्कि वह किसी लड़की की लाश थी।
जिसे कमर के पास से दो भागो मे काटा गया था। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा मौजूद नहीं था।
और मुँह के दोनों साइड से कान तक चीरा लगाया गया था। ऐसा लग रहा था जैसे की स्माइली फेस बनाने की कोशिश की गई हो।
डेड बॉडी के आस – पास एक बूंद भी खून नही था। जिसका मतलब खून कही और किया गया। और बॉडी को यहाँ लाकर फेक दिया गया।
बैटी बरसिंगर यह सब देखकर घबरा गईं। और वही पास के एक घर जाकर पुलिस को फोन करती हैं।
कुछ देर बाद लॉस एन्जलेस पुलिस (LAPD) वहाँ पहुँचती है। और डेड बॉडी को अपने कब्जे मे लेकर मेडिकल जाँच के लिए भेज देती है।
जाँच मे पता चलता है। इस महिला की हत्या 10 से 12 घंटे पहले की गई थी।
महिला की मौत उसके मस्तीष्क मे इनर ब्लीडिंग की वजह से हुई है। जाहिर है उसकी हत्या से पहले उसे बहुत बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया होगा।
जाँच मे यह भी बात सामने आती है की हत्या के बाद उसके बॉडी से सारा खून निकाल कर बॉडी को कई बार पानी से धोया गया था।
छाती और जाँघ के पास से कुछ मास के टुकड़े भी निकाले गए थे। इसके अलावा बॉडी को दो भागो मे बड़ी सफाई से काटा गया था।
जिससे एक बात तो साफ थी की कोई चिकित्सा से जुड़ा व्यक्ति ही ऐसा काम कर सकता था।
जाँच कर रहे डॉक्टरों को एक शोकिंग बात पता चली की जो मुँह से कान तक चीरा लगाया गया था। वह महिला के जिन्दा रहते लगाया गया था।
इधर लॉस एन्जलेस पुलिस fbi (Federal Bureau of Investigation) की मदद से उस महिला के बारे मे एक घंटे मे पूरी जानकारी प्राप्त कर लेती है।
दरअसल इस महिला की जानकरी fbi के डाटाबेस मे दो बार दर्ज हुई थी। पहली बार तब जब उसने सेना मे कुकिंग क्लर्क के लिए आवेदन किया था।
और इसके ठीक सात महीने बाद पुलिस ने उसे कम उम्र मे शराब पीने के जुर्म मे गिरफ्तार किया था।
मरने वाली महिला का नाम एलिजाबेथ शार्ट था जो की बोस्टन की रहने वाली थी ।
वह अपने माता-पिता की 5 बेटियों मे तीसरे नम्बर की बेटी थी। उसके पिता बोस्टन मे ही नौसेना के लिए गोल कोर्स बनाया करते थे।
लेकिन 1929 मे आयी मंदी के कारण उनका काम ठप पड़ गया। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई।
उनके लिए परिवार जिम्मेदारियां उठाना मुश्किल हो रहा था।
एक दिन वह अपने घर से किसी काम के लिए निकले और फिर कभी लौटकर वापस नही आये।
उनकी गाड़ी एक ब्रिज के पास लावारिश हालत मे मिली। अनुमान लगाया गया की उन्होंने ब्रिज से कुदकर आत्महत्या कर ली।
जब उसके पिता घर छोड़कर गए थे तो उस समय एलिजाबेथ की उम्र मात्र 5 साल थी। परिवार की सारी जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई।
एलिजाबेथ की माँ नौकरी करना शुरू कर दी और जैसे तैसे अपने बच्चों को पाला एलिजाबेथ का बचपन से ही फिल्मो का शौक था।
वह अपने दोस्तों के साथ फिल्मे देखने जाती थी। उसका सपना था की एक दिन बड़ी होकर हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री बनेगी।
1942 मे एलिजाबेथ की माँ को एक पत्र मिलता है। जो की एलिजाबेथ के पिता के द्वारा भेजा गया था।
दरअसल एलिजाबेथ के पिता ने आत्म हत्या नही कि थी । बल्कि वह अपनी कार को ब्रिज़ पर छोड़कर बिना किसी को बताये कैलीफोर्निया चले गए थे।
और वही से एलिजाबेथ की माँ को पत्र लिखकर अपने किये पर माफी मांग रहे थे।
जब यह बात एलिजाबेथ को पता चली की उसके पिता जिन्दा है और कैलीफोर्निया मे है। तो वह दिसंबर 1942 मे 18 साल की उम्र मे अपने पिता के साथ रहने के लिए कैलीफोर्निया चली गई।
लेकिन सिर्फ एक महीने के भीतर उसके पिता से उसकी किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई। जिससे एलिजाबेथ ने जनवरी 1943 को अपने पिता का घर छोड़ दिया।
लेकिन वह कैलीफोर्निया मे ही रहते हुए वायु सेना के लिए कुकिंग क्लर्क के रूप मे काम करने लगी लेकिन किसी अफसर के द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने पर उसने वह नौकरी छोड़ दी।
और फिर सेंटा बारबरा (कैलीफोर्निया का एक शहर ) चली गई जहाँ उसे कम उम्र मे शराब पीने के जुर्म मे जेल जाना पड़ा। जेल से छूटने के बाद वह फ्लोरिडा चली गई।
जहाँ इसकी मुलाकत वायु सेना के एक अधिकारी मेजर मेथ्यु माइकल से हुई । कई दिनों के दोस्ती के बाद दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया।
लेकिन 10 अगस्त 1945 को मेथ्यु माइकल की एक विमान दुर्घटना मे मौत हो गई।
जिससे एलिजाबेथ शार्ट का दिल पूरी तरह से टूट गया । चुकी एलिजाबेथ को बचपन से ही सिनेमा से प्यार था ।
वह हमेशा से एक प्रसिद्ध अभिनेत्री बनना चाहती थी उसे पता था की उसे जो खुशी चाहिए वह सिर्फ सिनेमा मे ही मिल सकती है।
इसलिए वह सब कुछ पीछे छोड़कर लॉस एन्जलेस चली आयी। जब वह लॉस एन्जलेस आयी तो उसके पास पैसे नही थे। इसके लिए वह एक होटल मे वेटर का काम करने लगी।
एलिजाबेथ एक आजाद ख्यालों की लड़की थी। वह नये-नये बॉयफ्रेंड बनाती थी जिनके साथ वह अक्सर पार्टी करती घूमने जाती थी।
लेकिन कुछ दिनों बाद एलिजाबेथ अचानक कही गायब हो गई।
अंतिम बार उसे 9 जनवरी 1947 को एक होटल के पास देखा गया था। उसके बाद वह लापता हो गई और फिर 15 जनवरी 1947 को उसकी डेड बॉडी लाइमेर्ट पार्क के पास मिली।
जब पुलिस को बॉडी मिली थी। उसी समय कुछ पत्रकार भी मौके पर पहुंच कर डेड बॉडी की फोटो खींच लिए।
उसके बाद यह खबर पुरे अमेरिका मे फैल गई। उस समय हर अखबार मे इसी खबर का जिक्र होता था। एलिजाबेथ शार्ट को मीडिया ने “ब्लैक दाहिला” नाम दिया था।
कुछ लोगो का मानना है की एलिजाबेथ उस समय ज्यादातर मौको पर काले कपड़ो मे नजर आती थी।
और अपने बालो मे दाहिला नाम का फूल लगाती थी इसलिए उसका नाम ब्लैक दाहिला पड़ गया और कुछ लोगो का मानना था।
की उसका यह नाम 1942 मे आयी एक क्राइम फिल्म “ब्लु दाहिला” से लिया गया था।
एलिजाबेथ उस समय इतनी पॉपुलर हो गई थी। लोग खुद ही पुलिस के पास जाकर क्लेम करने लगे की उन्होंने ही एलिजाबेथ की हत्या की है।
लेकिन जाँच मे पुलिस के पास उनके खिलाफ ऐसा कोई सबूत नही मिला जिससे की उन्हें आरोपी माना जा सके।
तभी एक दिन एक समचार एजेंसी को फोन आता है। फोन करने वालाे व्यक्ति ने खुद को एलिजाबेथ का हत्यारा बताया और साथ ही उनके द्वारा ब्लैक दाहिला पर किये गए रिपोर्टिंग की तारीफ की।
लेकिन उनकी चुटकी भी लेता है की अब तुम्हारे पास ब्लैक दाहिला से संबंधित खबर खत्म हो गई होंगी ।
3 दिन मे तुम्हे एक पार्सल मिलेगा जिसमे ब्लैक दाहिला के कुछ डॉक्यूमेंट होंगे जो तुम्हारी रिपोर्टिंग मे काम आएंगे।
और तीसरे दिन सच मे उस अखबार के ऑफिस मे कुरियर द्वारा एक पार्शल आता है। और जब उसे खोल के देखा गया तो उसमे एलिजाबेथ का जन्म प्रमाण पत्र,id कार्ड, और कुछ उसके फोटोग्राफ मिलते हैं।
और उसमे अखबारों मे छापे गए गए ब्लैक दाहिला से संबधित खबर की कटिंग से एक सन्देश लिखा गया था।
“Here is belonging black dahlia letter to follow”
इन सब के अलावा बॉक्स मे एक एड्रेस डायरी थी जिस पर मार्क हेनसेन लिखा हुआ था। पूरे बॉक्स को LAPD पुलिस को सौप दिया गया।
पुलिस ने पूरे बॉक्स का लैब टेस्ट करवाया लेकिन उस बॉक्स पर कोई भी फिंगरप्रिंट के निशान नहीं मिले। क्योंकि उसे पहले ही पेट्रोल से साफ कर दिया गया था।
बॉक्स के अंदर मिले एड्रेस डायरी के आधार पर मार्क हेनसेन से पूछताछ की गई लेकिन वह बेकसूर निकला जिसके कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
डायरी से मिले कुछ अन्य एड्रेस वाले व्यक्तियों से पूछताछ की गई लेकिन कोई भी एलिजाबेथ से एक या दो बार से ज्यादा नहीं मिला था।
इस बीच पुलिस को कई लेटर मिले लेकिन उनसे कोई ऐसे सबूत नहीं मिले जिससे हत्यारे की पहचान की जा सके। संजोग से एक लेटर से फिंगरप्रिंट के निशान मिल गए।
पुलिस ने उसका मिलान अपने datbase मे मौजूद अपराधियों से किया लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ।
पुलिस के तमाम कोशिशो के बाद आज भी यह केस अनसुलझा है।
हलाकि कुछ सस्पेक्ट मिले लेकिन कोई पुक्ता सबूत ना होने के कारण उन्हें भी छोड़ना पड़ा।
Suspect1:-
इस केश का पहला सस्पेक्ट था robert red Manley जो की एक बिज़नेस मैन था। वह एलिजाबेथ से उसकी मौत से एक महीने पहले ही मिला था।
जब वह बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रही थी। Manley ने उसे लिफ्ट दी थी। और बातो ही बातो मे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे।
9 जनवरी 1947 को manley सेंडियागो मे डेट के बाद लगभग 6 बजे शाम को लॉस एन्जलिश के biltmore hotel के पास छोड़ दिया ।
यह वही समय था जब एलिजाबेथ को अंतिम बार जीवित देखा गया था। उसके एक हप्ते बाद ही उसकी लाश liemert park के पास मिली थी।
Manley से पूछताछ मे उसने यह बात तो कबूल कर ली की वह एलिजाबेथ के साथ रिलेशनशिप मे था।
लेकिन हत्या की बात से इंकार कर दिया। पुलिस ने उसका लाइ डिटेक्टर टेस्ट करवाया उसमे वह पास हो गया। लेकिन पुलिस उसे प्राइम सस्पेक्ट मान रही थी।
इसलिए 1954 मे उसका नार्को टेस्ट करवाया गया लेकिन वह उसमे भी पास हो गया इसलिए उसे छोड़ दिया गया।
Suspect 2:- 1997 एक detective Ralph Asdel जो की ब्लैक दाहिला केस पर काम कर रहे थे। उन्होंने दावा किया की ब्लैक दाहिला की बॉडी मिलने के एक हप्ते बाद ही मैंने उस व्यक्ति को ढूंढ़ लिया था जो की एलिजाबेथ का कातिल हो सकता था।
जिस दिन ब्लैक दाहिला की बॉडी मिली थी उसी दिन Ralph को अपने किसी खबरी से सूचना मिली थी की liemert पार्क के पास उसने एक काले रंग की कार खड़ी देखी थी।
बाद मे Ralph ने वह कार ढूंढ़ ली थी जिसके मालिक ने कार का कलर काले से सफ़ेद करवा ली थी। लेकिन Ralph के पास पुख्ता सबूत ना होने के कारण अपनी जाँच आगे नहीं बढ़ा सके।
Suspect 3:- 1999 मे Steve Hodelनाम के एक detective जिन्होंने ब्लैक दाहिला पर किताब लिखी और दावा किया की ब्लैक दाहिला का कातिल कोई और नहीं उनके खुद के पिता George hodel है।
George hodel उस समय के एक नामी डॉक्टर थे जो की लॉस एंजलेश मे एक प्राइवेट क्लिनिक चलाते थे।
George hodel कोई पेशेवर surgon तो नहीं थे लेकिन उन्होंने कई मेडिकल कॉलेज से surgon बनने की ट्रेनिंग ली थी।
1991 मे George hodel के मरने के बाद उनके बेटे स्टीव होडल को उनके कमरे से दो तस्वीरें मिली जो की एलिजाबेथ से मेल खा रही थी। फॉरेनसिक जाँच मे पता चला की 85% यह तस्वीर एलिजाबेथ की नहीं है।
लेकिन 2014 मे एक कंप्यूटर एक्सपर्ट ने सॉफ्टवेयर की मदद से साबित किया की 90-95% तक यह तस्वीर एलिजाबेथ से मेल खा रही है।
स्टीव होडल ने और गहनता से जाँच की तो पता चला की उनके पिता और एलिजाबेथ रिलेशनशिप मे थे।
एलिजाबेथ की लाश मिलने के 3 हप्ते के बाद 10 फरवरी 1947 को एक पार्क मे एक और लड़की लाश मिली जिसकी हालत भी बहुत कुछ एलिजाबेथ से मिलती जुलती थी।
उसके शरीर पर लिपस्टिक से BD लिखा गया था। जिसका मतलब था ब्लैक दाहिला जब पुलिस ने इस हैंडराइटिंग को उन्हें जितने भी लेटर मिले थे।
उससे मिलाया तो यह साफ हो गया की इस लड़की का कातिल और ब्लैक दाहिला का कातिल एक ही है।
George hodel के ऊपर कई प्रकार के आरोप लगने के कारण वे 1950 मे लॉस एन्जलेश छोड़कर फिलिपिन्स चले गए।
1961 मे फिलिपिन्स के Manila पार्क के पास एक लड़की की नग्न बॉडी मिली जिसकी हालत बिल्कुल ब्लैक दाहिला जैसी ही थी।
और जिस जगह पर यह बॉडी मिली थी वहाँ से मात्र आधा किलोमीटर की दुरी पर George hodel का घर था।
तो क्या यह एक संयोग है या फिर सच मे सभी हत्यायो के पीछे George hodel का हाथ था। सच्चाई जो भी हो लेकिन सभी संदिग्ध मे सबसे ज्यादा कोई संदेह के घेरे मे था तो वह George hodel ही थे।