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पैसे की लालच मे पत्नी ने की पति की हत्या:Audrey Marie Hilley case

ऑड्रे मैरी का जन्म 4 जून 1933 को  अलाबामा के ब्लू माउन्टेन मे एक गरीब परिवार मे हुआ था, मैरी के माता-पिता  एक मिल मे काम करते थे।

मैरी के जन्म के कुछ समय बाद मैरी की माँ उसे अपने एक रिस्तेदार के यहाँ छोड़कर वापस अपने काम पर लौट आयी। पास ना होने के बावजूद मैरी के माता -पिता उसकी हर जरूरतों का ध्यान रखते थे।

ताकि उसे किसी चीज की कमी ना महसूस हो, मैरी बचपन से ही जिद्दी किस्म की लड़की थी, उसे किसी चीज के लिए मना  किया जाता  तो वह रोने लगती जिससे उसके माता-पिता को उसकी बात माननी पड़ती थी।

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उसे बचपन से ही ज्यादा पैसे खर्च करने की आदत पड़ गई थी, वह अपने पिता से अच्छे कपड़े, खिलौने की डिमांड करती और उसके पिता को उसकी बात माननी पड़ती थी।

मैरी अपने पिता फ्रेजियर के बेहद करीब थी, वह नहीं चाहते थे की मैरी बड़ी होकर उनकी तरह मजदूर बने फ्रेजियर मैरी को सेक्रेटरी बनाना चाहते थे। और वह अच्छी तरह  जानते थे की ब्लू माउन्टेन मे रहते हुए मैरी कभी सेक्रेटरी नहीं बन पायेगी। इसलिए सन 1945 मे मैरी को लेकर ब्लू माउन्टेन से एनीस्टन चले आये।

एनीस्टन ब्लू माउन्टेन के पास ही एक शहर था, लेकिन यहाँ की सामाजिक स्थिति बिल्कुल अलग थी। ब्लू माउन्टेन मे रहने  वाले ज्यादतर गरीब परिवार थे जो की मिलो मे काम करते थे, इसके विपरीत एनीस्टन मे रहने वाले परिवार आर्थिक रूप से काफी संपन्न थे।

मैरी ने 7वीं कक्षा क्विंटार्ड जूनियर हाई स्कूल में शुरू की, मैरी स्कूल की सुन्दर लड़कियों मे से एक थी और पढ़ने मे भी अच्छी थी।

उसका एक बॉयफ्रेंड भी था जिसका नाम फ्रैंक हिली था, फ्रैंक हिली एनिस्टन का ही रहने वाला था। वह मैरी की अपेक्षा काफी अच्छे परिवार से था।

फ्रैंक की मुलाकत मैरी से क्विंटार्ड जूनियर हाई स्कूल में ही हुई थी, तभी से दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे।

फ्रैंक हाई स्कूल पास करने के बाद अमेरिकी नेवी सेना मे भर्ती हो गया, 1959 मे जब फ्रैंक छुट्टी से वापस आया तो उसने मैरी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा जिसे मैरी ने स्वीकार कर लिया।

शादी के बाद बाद फ्रैंक नेवी मे आगे की सेवाओ के लिए कैलिफ़ोर्निया चला गया, जबकि मैरी अपनी स्नातक की पढ़ाई के लिए एनिस्टन मे ही रुकी रही ।

फ्रैंक मैरी के लिए कैलिफ़ोर्निया से ही पैसो का चेक भेजता लेकिन मैरी आश्चर्यजनक तरीके से उस पैसे को उड़ा देती। लेकिन फ्रैंक उससे कभी हिसाब नहीं लेता। 

मैरी अपनी स्नातक की पढ़ाई खत्म करने के बाद फ्रैंक के साथ रहने के लिए कैलिफोर्निया चली गई। कुछ समय बाद फ्रैंक का ट्रांसफर बोस्टन मे हो गया, यही रहते हुए मैरी को पता चला की वह गर्भवती है।

फ्रैंक का अमेरिकी नेवी मे सेवाकाल खत्म होने के बाद दोनों वापस एनिस्टन चले आये, यहाँ फ्रैंक ने एक छोटा सा घर ख़रीदा। और स्टैंडर्ड फाउंड्री नाम की कंपनी के शिपिंग विभाग नौकरी करने लगा,जबकि मैरी एक अन्य कंपनी मे सेक्रेटरी के पद पर काम करने लगी।

11 नवंबर 1952 को मैरी ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम माइकल हिली रखा गया, माइक हिली को उसकी माँ बहोत प्यार करती थी। उसके लिए वह महंगे-महंगे  कपड़े, गिफ्ट खरीदती थी, उसे जो कुछ भी चाहिए होता वह अपनी माँ से कहता और उसकी मांग तुरंत मान ली जाती। जैसा की मैरी की माता पिता करते थे।

मैरी माइक की गलतियों को नजरअंदाज कर देती  जब फ्रैंक कुछ कहता तो बोलती बच्चे तो ऐसी गलतिया करते ही हैँ। लेकिन फ्रैंक इससे बहुत दुखी होता क्युकि उसका मानना था बच्चों को इतनी छूट नहीं देनी चाहिए।

कुछ सालो बाद 1960 मे मैरी ने एक लड़की कैरल को जन्म दिया। अब फ्रैंक और मैरी के दो बच्चे हो गए  बड़ा लड़का माइक और छोटी बेटी कैरल।

कैरल के प्रति मैरी का व्यवहार अच्छा नहीं था। वह  माइक को ज्यादा प्यार करती  जिसकी वजह से माँ बेटी की आपस मे नहीं बनती थी।

कुछ समय बाद फ्रैंक का प्रमोशन हो गया,और वह फोरमैन बन गया इधर मैरी की भी तरक्की हो गई। अब दोनों पहले से ज्यादा पैसे कमाने लगे, लेकिन फिर भी मैरी की जरूरते अभी भी पूरा नहीं हो पा रही थी।

उसका महंगे कपड़े पहनना, पार्टी करना बच्चों के लिए गिफ्ट खरीदना जारी रहा। वह लोगो से पैसे उधार लेने लगी। जिससे फ्रैंक बहुत ज्यादा दुखी रहने लगा। 

वह मैरी को बार-बार समझाता की उसे इतनी फिजूल खर्च करने की जरुरत नहीं है लेकिन मैरी फ्रैंक की एक भी ना सुनती।

कुछ समय बाद फ्रैंक धीरे -धीरे बीमार रहने लगा एक दिन, जब फ्रैंक काम से बीमार होकर घर लौटा तो उसने मेरी को उसके मालिक वॉल्टर क्लिंटन के साथ बिस्तर में पाया।

इस घटना से आहत हुआ उसने अपने बेटे को इसके बारे में बताया, लेकिन अपनी बिगड़ती सेहत का जिक्र नहीं किया। फ्रैंक की ख़राब तबियत को देखते हुए मैरी ने फ्रैंक के लिए $31000 का जीवन बीमा ख़रीदा।

सन 1975 मई के महीने मे फ्रैंक की तबियत बहुत ज्यादा ख़राब हो गई,25 मई 1975 को  अंडरवियर मे बिल्कुल बेचैन घबराये हुए अपने यार्ड मे घूम रहे थे।

उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया,डॉक्टरों ने जाँच की तो पाया की उन्हें हेपेटाइटिस है, और उनका लिवर फेल हो चूका  है। तमाम कोशिश के बाद भी फ्रैंक को बचाया नहीं जा सका।

फ्रैंक के मरने के कुछ दिन बाद मैरी को उसके जीवन बीमा के पैसे मिल गए,अपनी आदत से मजबूर मैरी ने उन पैसे को ऐशो आराम मे लुटा दिए।

फ्रैंक के मरने के तीन साल बाद मैरी ने अपनी बेटी कैरोल के लिए भी $25000 रकम की जीवन बीमा खरीदी। दुर्भाग्य से उसके कुछ दिन बाद ही कैरोल की भी तबियत खराब होने लगी, और उसके बीमारी के लक्षण भी फ्रैंक के लक्षणों से बिल्कुल मेल खाते थे।

उसे बहुत ज्यादा मतली होती उसके हाथ सुन्न पड़ने लगे थे, बेचैनी और घबराहट बढ़ती जा रही थी। कैरोल की हालत देखते हुए उसकी माँ मैरी ने उसे एक इंजेक्शन लगाया।

कैरोल के इंजेक्शन के बारे पूछने पर मैरी ने उसे बताया की उसे यह इंजेक्शन उसकी एक दोस्त ने दिया है जो की एक हॉस्पिटल मे नर्स है।

लेकिन इस इंजेक्शन से भी कैरोल के सेहत मे कोई सुधार नहीं हुआ, दिन पर दिन उसकी हालत खराब होती गई। मैरी ने इस बीच डॉक्टर को भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

कैरोल का इलाज करें रहे डॉक्टर को लगा की शायद उसके यह लक्षण मानसिक हो, क्योंकि कैरोल बार -बार कह रही थी की वह मरना चाहती है ।

कैरोल को वहां से यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा हॉस्पिटल” मे एडमिट किया गया, इसी बीच मैरी को गलत तरीके से चेक पास कराने के आरोप मे गिरफ्तार कर लिया गया।

कैरोल की हालत लगातार बिगड़ रही थी पैर बिल्कुल सुन्न पड़ गए थे, डॉक्टरों ने उसके पैर और हाथ के नाख़ून का सैंपल लिया और जाँच मे पाया

की उसके शरीर मे आर्सेनिक धातु मात्रा सामान्य स्तर से 50 गुना से अधिक है। आर्सेनिक एक प्रकार का जहर है जिसके सम्पर्क मे आने से त्वचा की जलन, पेट दर्द, उल्टी, दस्त और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है।

यही नहीं लम्बे समय तक इसके संपर्क मे रहने से इंसान की जान भी जा सकती है।

एक बात तो साफ हो गई थी कैरोल को लम्बे समय यह जहर दिया जा रहा था, इस बीच माइक के कहने पर उसके पिता की बॉडी को क़ब्र से बाहर निकालकर जाँच के लिए भेजा गया

और उनके शरीर मे भी आर्सेनिक की सामान्य से अधिक मात्रा पायी गई, इसके 3 दिन बाद ही फ्रैंक की बहन को मैरी के पर्श से एक छोटी सी खाली बोतल मिली और उसने उसे पुलिस को सौप दिया।

जाँच मे यह बात साफ हो गई की इस बोतल मे आर्सेनिक था, मैरी जो की पहले से जेल मे थी।

25 अक्टूबर 1979 को उसे अपने पति हत्या और बेटी को जान से मारने की कोशिश मे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया।

9 नवंबर 1979 मे मैरी को कुछ समय के लिए जमानत पर रिहा किया गया, लेकिन 11 जनवरी की सुनवाई से पहले मैरी एनीस्टर से फ्लोरीडा भाग गई।

वहां उसकी मुलाकत जोन होमन नाम के ब्यक्ति से हुई, मैरी ने उसे अपना बदला हुआ नाम रॉबी हैनन बताया। दोनों 1 साल से अधिक समय साथ बिताने के बाद 1981 मे शादी कर ली।

शादी के बाद दोनों फ्लोरीडा छोड़कर  न्यू हैम्पशायर चले गए, कुछ समय साथ बिताने के बाद रॉबी हैनन (मैरी ) जोन होमन से यह कहकर  निकल गई वह अपनी बहन टेरी हैनन से मिलने जा रही है जो की टेक्सास मे रहती है।

जबकि  एक झूठ था मैरी अपने माता पिता की एकलौती बेटी थी,कुछ समय बाद रॉबी हैनन (मैरी )  जोन होमन को टेरी हैनन बनकर फ़ोन करती है। और बताती है की आपकी पत्नी रॉबी हैनन की मृत्यु हो गई है।

जब जोन टेक्सास आने की बात करता है, तो वह यह कह कर साफ मना कर देती है की उसकी बॉडी को चिकित्सा विज्ञान को दे दिया गया है। यहाँ आने का उसे कोई फायदा नहीं होगा।

कुछ दिनों बाद मैरी अपना वजन कम करके और बालो का रंग बदलकर वापस जोन के पास आई,और उसे बताया की वह उसकी पत्नी की बहन टेरी है।

न्यू हैम्पशायर के एक अख़बार ने रॉबी हैनन (मैरी ) की मृत्यु के बारे मे छापा, लेकिन वहां की पुलिस को इस स्टोरी मे कुछ गड़बड़ लगी।

पुलिस को लगा की टेरी ही रॉबी है वह सिर्फ अपने मौत का नाटक कर रही है,जब इस विषय मे टेरी से पूछताछ की गई तो उसने सारी कहानी बता दी।

न्यू हैम्पशायर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके एनीस्टर भेज दिया, जहाँ उसे अपने पति की हत्या के लिए आजीवन कारावास और बेटी की हत्या के प्रयास के लिए 20वर्ष की सजा सुनाई गई।

मैरी 1983 से जेल मे सजा काटने लगी, जेल मे उसका व्यवहार अच्छा होने के कारण 1987 मे उसके पति जोन से मिलने के लिए 3 दिन का पास दे दिया गया जो की एनीस्टन आया हुआ था।

जोन से मिलने के बाद मैरी एक बार फिर गायब हो गई, लेकिन इस बार एक मुखबिर के द्वारा उसे 4 दिन के भीतर ही ढूंढ लिया गया।

मैरी की हालत ठीक नहीं थी चार दिन से बारिश मे लगातार भीगने के कारण वह गंभीर रूप से बीमार हो गई । उसे अस्पताल मे भर्ती कराया गया लेकिन दिल का दौरा पड़ने के कारण उसकी मौत हो गई।

 

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